लेसन प्लान के जरिये शिक्षण में अग्रणी: काशी के कमलेश पांडेय को मिल चुके हैं 9 पुरस्कार

शिक्षक कमलेश पांडेय को उनके अनूठे लेसन प्लान और शिक्षण पद्धतियों के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर 9 पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें योग और पर्यावरण भी शामिल हैं।

कमलेश पांडेय

source: Amarujala

वाराणसी के पिंडरा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय रमईपट्टी के सहायक अध्यापक कमलेश पांडेय को शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस उपलब्धि पर कमलेश और उनके परिवार में खुशी का माहौल है। कमलेश पांडेय का शिक्षण जगत में नाम खास तौर पर उनके प्रभावी लेसन प्लान और अनूठी शिक्षण शैली के लिए जाना जाता है।

कमलेश पांडेय ने 1999 में प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने उच्च प्राथमिक विद्यालय में भी अपनी सेवाएं दीं। शिक्षण में उनके विशेष योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय कुल 9 पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं, जिसमें से प्रमुख हैं:

  1. एससीईआरटी द्वारा आईसीटी के क्षेत्र में 2019 और 2022 का राज्य स्तरीय पुरस्कार।
  2. कहानी विधा से शिक्षण के लिए 2021 और 2023 में राज्य स्तरीय पुरस्कार।
  3. लेसन प्लान के माध्यम से कक्षा शिक्षण के लिए 2020 और 2023 में राज्य स्तरीय पुरस्कार।
  4. क्राफ्ट और पपेट्री के जरिए शिक्षण में योगदान के लिए 2022 का राज्य स्तरीय पुरस्कार।
  5. सीसीआईएमटी वीडियो मेकिंग में डायट का प्रथम पुरस्कार।
  6. राष्ट्रीय योग ओलंपियाड-2022 और राष्ट्रीय उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान-2023 भी उन्हें मिल चुके हैं।

कमलेश पांडेय की उपलब्धियों की सूची में योग भी विशेष स्थान रखता है। उनके कई छात्र योग के क्षेत्र में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अवॉर्डी रहे हैं। उनके छात्र शिवम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी दौरे के दौरान मुलाकात की थी, जो योग में उसकी निष्ठा के लिए सराहे गए थे। शिवम को 2022 में योग ओलंपियाड पुरस्कार भी मिल चुका है, साथ ही मुंबई के यशराज स्टूडियो में अमिताभ बच्चन ने भी उसे सम्मानित किया था।

पर्यावरण संरक्षण में भी अग्रणी योगदान
कमलेश पांडेय न केवल शिक्षण बल्कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। उन्होंने पौधरोपण के क्षेत्र में व्यापक काम किया है, जिसके चलते उनकी एक तस्वीर प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में 30 जून को टैग की गई थी। पर्यावरण संरक्षण को लेकर उनकी यह पहल काफी सराही जा रही है।

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